Nidhi Saxena

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मेरा पहला इश्क☕


तू इश्क है मेरा पहला पहला
तेरी खुशबू मुझे तेरी ओर खींचती है 
जब भी आती है तेरी खुशबू 
अनचाहे भी तेरी ओर खींची चली आती हूं 
तेरा रंग तुझे छूने पर मजबूर कर देता है 
अनचाहे तुझको मैं छू लेती हूं 
तेरी एक मुलाकात से हो जाती हूं फिर से तरो ताज़ा सी मैं
तेरी एक मुलाकात से आ जाती है जैसे स्फूर्ति सी मुझमें 
तेरा स्वाद बस जाता है रग रग में ऐसे 
जैसे बसता हो इश्क मुझमें 
हां तू इश्क है मेरा पहला पहला
हां तू इश्क है मेरा पहला पहला
☕☕☕☕☕☕
💕💕💕💕💕💕

   नीर (निधि सक्सैना)

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5 Comments

Gunjan Kamal

05-Jan-2023 04:37 PM

बहुत खूब

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Sachin dev

05-Jan-2023 04:02 PM

Nice

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Sushi saxena

05-Jan-2023 09:13 AM

बहुत खूब

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